(Influencer Media): भारत में जब भी परफ्यूम की बात होती है, तो अक्सर YSL और Prada जैसे अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स का ज़िक्र होता है। लेकिन अब समय बदल रहा है। भारत की समृद्ध खुशबू को वैश्विक मंच पर ले जाने का बीड़ा Neesh Perfumes ने उठाया है, जिसकी नींव रखी है युवा और अनुभवी उद्यमी ऋषि वर्मा ने। एक रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक लक्ज़री सुगंध बाज़ार 2026 तक 6.2% की CAGR के साथ 15.6 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
कारीगरी की विरासत
12 फरवरी 1990 को हरियाणा के अंबाला में जन्मे ऋषि वर्मा, 120 साल पुराने फतेह चंद बंसी लाल ज्वेलर्स परिवार की पांचवीं पीढ़ी से हैं, जो गुणवत्ता और कारीगरी के लिए विख्यात है। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी सिडनी और एसपी जैन से पढ़ाई करने के बाद, परफ्यूम के प्रति अपने जुनून ने उन्हें इस क्षेत्र में कदम रखने के लिए प्रेरित किया। 2014 में, अंबाला से नीश परफ्यूम्स की शुरुआत हुई, जिसका उद्देश्य था भारत की पारंपरिक सुगंध कला को आधुनिकता के साथ जोड़कर एक वैश्विक ब्रांड बनाना।
इसके अलावा, ऋषि एक्म सत्विक किचन नामक एक स्वास्थ्यवर्धक और सस्टेनेबल फूड ब्रांड भी संचालित करते हैं। वे कहते हैं, “नीश का विज़न है भारतीय विरासत को परफ्यूम और अन्य लक्ज़री उत्पादों के ज़रिए वैश्विक मंच पर ले जाना।”
D2C मॉडल की ताकत
Neesh Perfumes ने डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C) मॉडल अपनाया है, जिससे ब्रांड ग्राहकों से सीधे जुड़ता है। यह न केवल व्यक्तिगत अनुभव सुनिश्चित करता है, बल्कि पैकेजिंग से लेकर डिलीवरी तक हर पहलू पर नियंत्रण भी देता है। ब्रांड की 80% बिक्री इसकी वेबसाइट से होती है, जबकि शेष 20% Nykaa, Myntra, Tata Cliq, Amazon और चुनिंदा ऑफलाइन स्टोर्स से आती है। मशहूर अभिनेता जिम सर्भ इसके ब्रांड एंबेसडर हैं, जो इसकी लोकप्रियता को और बढ़ाते हैं।
बूटस्ट्रैप्ड
ऋषि ने नीश की शुरुआत व्यक्तिगत निवेश से की थी और यह ब्रांड अभी तक पूरी तरह बूटस्ट्रैप्ड है। बिना किसी एंजेल या सीड फंडिंग के, ब्रांड ने अपनी दिशा और मूल्यों पर पूर्ण नियंत्रण बनाए रखा है। निरंतर निवेश उत्पाद नवाचार, ब्रांडिंग, डिजिटल मार्केटिंग और वैश्विक विस्तार में किया गया है, जिससे नीश ने लक्ज़री परफ्यूम श्रेणी में मजबूत पहचान बनाई है।
ऋषि कहते हैं, “हम उपभोक्ताओं को गुणवत्ता का अंतर समझाना चाहते थे, खासकर Extrait de Parfum की उच्च सांद्रता, जो भारतीय परफ्यूमरी में दुर्लभ है।”
चुनौतियों से जीत तक
नीश ने अब तक 50,000 से अधिक ग्राहकों को सेवा दी है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में ₹7 करोड़ के राजस्व की उम्मीद है, जिसे अगले वर्ष ₹10 करोड़ तक ले जाने का लक्ष्य है। इसके लिए अरोमा डिफ्यूज़र जैसे नए उत्पाद लॉन्च किए जा रहे हैं और UK, USA, कनाडा और मिडिल ईस्ट जैसे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में विस्तार की योजना है।
ब्रांड Extrait de Parfum पर केंद्रित है, जो पारंपरिक Eau de Parfum से कहीं अधिक गहरी और लंबे समय तक टिकने वाली खुशबू प्रदान करता है। 7-दिन की रिटर्न गारंटी और मास्टर परफ्यूमर्स की कारीगरी इसे अन्य ब्रांड्स से अलग बनाती है।
भारतीय ब्रांड के रूप में सबसे बड़ी चुनौती थी उपभोक्ताओं को Extrait de Parfum की गुणवत्ता के बारे में शिक्षित करना। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स से प्रतिस्पर्धा, प्रीमियम कीमतों को स्वीकार्य बनाना और अपनी विशिष्टता बनाए रखना भी बड़ी चुनौतियां थीं। ऋषि कहते हैं, “हमारा फोकस सिर्फ परफ्यूम बेचना नहीं, बल्कि एक अनुभव देना है—जो भारत की खुशबू संस्कृति को जीवंत करता है।”
भविष्य की योजनाएं
नीश परफ्यूम्स का अगला लक्ष्य UK, USA, कनाडा और मिडिल ईस्ट जैसे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी मौजूदगी दर्ज करना है। रणनीति में विदेशों में लक्ज़री बुटीक के साथ सहयोग, भारत में प्रीमियम ऑफलाइन स्टोर्स का विस्तार और नई उत्पाद श्रृंखलाएं जैसे अरोमा डिफ्यूज़र लॉन्च करना शामिल है। ब्रांड डिजिटल स्टोरीटेलिंग, इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग और सोशल मीडिया अभियानों पर बड़ा दांव लगा रहा है, ताकि D2C रणनीति को और मजबूत करते हुए ₹10 करोड़ के राजस्व लक्ष्य को हासिल किया जा सके।
ऋषि का कहना है, “हमारा लक्ष्य है भारतीय लक्ज़री परफ्यूमरी को फिर से परिभाषित करना और भारत की गहरी सुगंध परंपरा का सम्मान करना।” नीश परफ्यूम्स न केवल सुगंध बना रहा है, बल्कि एक ऐसी विरासत रच रहा है जो विश्व भर में गूंजेगी।