Monday, June 9, 2025
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नानेश गोयल ने Luxeartisanship: ब्रांड से हस्तशिल्प को ग्लोबल ब्रांड बनाया

(Influencer Media): दिल्ली स्थित Luxeartisanship एक ऐसा D2C (Direct-to-Consumer) ब्रांड है, जो पीतल से बनी मूर्तियों और होम डेकोर प्रोडक्ट्स को आधुनिक डिज़ाइन के साथ जोड़कर भारतीय हस्तशिल्प को वैश्विक पहचान दिला रहा है। 2024 में पिता-पुत्र की जोड़ी—चंदर गोयल और ननेश गोयल—द्वारा स्थापित, यह ब्रांड न केवल परंपरागत कारीगरी को संरक्षित कर रहा है, बल्कि इसे आधुनिकता के साथ मिलाकर दुनिया भर के बाजारों तक पहुंचा रहा है।

एक फैमिली ट्रिप से जन्मा आइडिया

Luxeartisanship की नींव 2023 में गोयल परिवार की राजस्थान यात्रा के दौरान पड़ी। इस यात्रा में चंदर और ननेश ने कई गांवों का दौरा किया, जहां कारीगर पीतल की मूर्तियां और घरेलू सजावट की वस्तुएं बना रहे थे। इन कलाकृतियों के पीछे छिपी कहानियों और कारीगरों की मेहनत ने उन्हें गहरे तक प्रभावित किया।

ननेश गोयल, जो Luxeartisanship के सीईओ हैं, कहते हैं, “हमने देखा कि इन कारीगरों की कला अमूल्य है, लेकिन उन्हें न तो उचित पहचान मिल रही थी, न ही बाजार।” यहीं से एक ऐसे ब्रांड का विचार जन्मा, जो इन कारीगरों को वैश्विक मंच दे सके। 2024 में, इस सपने ने Luxeartisanship के रूप में आकार लिया।

D2C मॉडल

Luxeartisanship पूरी तरह D2C मॉडल पर काम करता है, जहां ग्राहक वेबसाइट और चुनिंदा ऑनलाइन मार्केटप्लेस के माध्यम से प्रोडक्ट्स खरीद सकते हैं। ब्रांड सीमित और सावधानीपूर्वक चुनी गई इन्वेंट्री के साथ काम करता है, ताकि हर प्रोडक्ट की हस्तनिर्मित गुणवत्ता बनी रहे।

ननेश बताते हैं, “हम कारीगरों के साथ सीधे संपर्क में रहते हैं। मांग और बिक्री के आंकड़ों के आधार पर प्रोडक्ट्स बनाए जाते हैं, जिससे अनावश्यक उत्पादन से बचा जा सके।”

लॉजिस्टिक्स के लिए ब्रांड ने ऐसे साझेदारों का चयन किया है, जो पीतल जैसे नाजुक सामान को सुरक्षित ढंग से ग्राहकों तक पहुंचा सकें। प्रोडक्ट्स की कीमत तय करते समय कारीगरों को उचित पारिश्रमिक और ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता वाला अनुभव सुनिश्चित किया जाता है।

Luxeartisanship का मूल मंत्र है—कारीगरों को सिर्फ मजदूर नहीं, बल्कि सह-निर्माता बनाना। ब्रांड बिचौलियों को हटाकर कारीगरों से सीधे जुड़ता है, ताकि उन्हें उचित वेतन, सम्मान और पहचान मिले। ननेश कहते हैं, “हम नियमित कार्यशालाएं आयोजित करते हैं, जहां कारीगरों की जरूरतों, विचारों और व्यापार के सिद्धांतों पर चर्चा होती है।” इससे न केवल उनकी आजीविका सुरक्षित होती है, बल्कि परंपरागत कला की प्रामाणिकता भी बरकरार रहती है।

परंपरा और आधुनिकता का संगम

Luxeartisanship उत्तर प्रदेश, ओडिशा और राजस्थान के शिल्प समुदायों के साथ मिलकर काम करता है, जो पीतल की कला के लिए ऐतिहासिक रूप से प्रसिद्ध हैं। कारीगर न केवल प्रोडक्शन में, बल्कि डिज़ाइन प्रक्रिया में भी सक्रिय भूमिका निभाते हैं।

“हमारी नई कलेक्शन कारीगरों के सुझावों और पारंपरिक तकनीकों को आधुनिक डिज़ाइनों के साथ मिलाकर तैयार की जाती है। इससे प्रोडक्ट्स में मौलिकता और नवाचार का सुंदर संगम बनता है,” ननेश बताते हैं।

उपलब्धियां

Luxeartisanship पूरी तरह बूटस्ट्रैप्ड है, यानी बिना बाहरी निवेश के चल रहा है। इससे ब्रांड को अपने मूल्यों के साथ धीरे-धीरे और टिकाऊ तरीके से बढ़ने में मदद मिली है। 2024 की शुरुआत से अब तक, महज 10 महीनों में ब्रांड ने ₹50 लाख की बिक्री का आंकड़ा पार कर लिया है। वेबसाइट का कन्वर्जन रेट 3.5% और कस्टमर रीपीट रेट 25% तक पहुंच गया है, जो किसी नए ब्रांड के लिए उल्लेखनीय है।

मासिक बिक्री में 18% से 22% की स्थिर वृद्धि देखी गई है, खासकर त्योहारों और शादी के सीजन में मांग में उछाल आता है। ननेश कहते हैं, “हम जल्दबाजी में नहीं हैं। हमारा फोकस स्थायित्व और गुणवत्ता पर है, न कि सिर्फ तेजी से बढ़ने पर।”

चुनौतियां

हस्तशिल्प ब्रांड शुरू करना आसान नहीं था। पीतल की नाजुकता और प्रत्येक प्रोडक्ट की विशिष्टता को ग्राहकों तक समझाना एक बड़ी चुनौती थी। ननेश बताते हैं, “हमने हर प्रोडक्ट के साथ एक प्रमाण पत्र देना शुरू किया, जो उस कारीगर की कहानी और कला की प्रक्रिया को दर्शाता है। इससे ग्राहक प्रोडक्ट से भावनात्मक जुड़ाव महसूस करते हैं और हस्तनिर्मित वस्तुओं की प्राकृतिक विविधताओं को सराहते हैं।”

लॉजिस्टिक्स की समस्याओं को हल करने के लिए विशेषज्ञ साझेदारों के साथ काम किया गया, जो नाजुक प्रोडक्ट्स को सुरक्षित पैकिंग और ट्रांसपोर्ट में माहिर हैं।

भविष्य की योजनाएं

Luxeartisanship की प्रोडक्ट रेंज अब होम डेकोर के अलावा वास्तु अनुकूल मूर्तियां और पूजा सामग्री तक विस्तारित हो चुकी है। यह बदलाव उपभोक्ताओं की रुचियों और वैश्विक सजावट रुझानों को ध्यान में रखकर किया गया है। ब्रांड की नजर अब अंतरराष्ट्रीय विस्तार पर है। अमेरिका, यूके और यूएई जैसे बाजारों में रिटेल साझेदारियों पर काम चल रहा है। भारत में भी एक फ्लैगशिप स्टोर खोलने की योजना है, जहां ग्राहक कारीगरी का अनुभव व्यक्तिगत रूप से कर सकें।

Luxeartisanship सिर्फ एक ब्रांड नहीं, बल्कि भारतीय कारीगरों को उनका हक और सम्मान दिलाने का एक मिशन है। चंदर और ननेश गोयल की यह पहल परंपरा और आधुनिकता के संगम का प्रतीक है। यह दिखाती है कि जब ईमानदारी, कला और नवाचार एक साथ आते हैं, तो न केवल एक सफल व्यवसाय बनता है, बल्कि समाज और संस्कृति को भी समृद्ध करने वाली एक कहानी रची जाती है। Luxeartisanship भारतीय हस्तशिल्प को वैश्विक मंच पर ले जाकर न केवल कारीगरों को सशक्त बना रहा है, बल्कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी दुनिया के सामने पेश कर रहा है।

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